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पूर्वजन्म के ये रहस्य जानकर रह जाएंगे हैरान

जानिए पिछले जन्म में क्या थे आप? 〰️〰️〰️🌷〰️〰️〰️🌷〰️〰️〰️ ============================= पृथ्वी लोक पर जो भी जन्म लेता है उसकी मृत्यु अवश्य होती है। आत्मा एक शरीर को छोड़कर दूसरे शरीर में प्रवेश करती है। जिस प्रकार से कपड़े मैले हो जाने पर उन्हें बदला जाता है उसी प्रकार समय पूर्ण हो जाने पर आत्मा शरीर को त्याग कर दूसरे शरीर को धारण करती है। शरीर नश्वर है जबकि आत्मा अमर है। इसी तरह से एक जन्म से दूसरे जन्म का चक्र चलता रहता है। कई लोगों को पूर्वजन्म से जुड़ी बातों पर विश्वास नहीं होता है परंतु कुछ लोग पूर्वजन्म पर विश्वास करते हैं। पूर्वजन्म के विषय में हमारे वेदों व पुराणों में भी कई जगह उल्लेख मिलता है। जब कभी इस तरह की बातों का जिक्र होता है तो हर मनुष्य के मन में यह प्रश्न या जिज्ञासा अवश्य उत्पन्न होती है कि वह पिछले जन्म में क्या था। यदि आप पूर्वजन्म से जुड़े रहस्यों के बारे में जानना चाहते हैं तो व्यक्ति के लक्षणों व आदतों पर ध्यान देना पड़ता है। माना जाता है कि किसी भी व्यक्ति के पिछले जन्म की आदतें उसके अगले जन्म में भी वैसी की वैसी ही रहती हैं। आइए जानते हैं पिछले जन्म से जुड़े र

जय_श्रीराम 🚩🙏🐦घर में कभी गरीबी नही आएगी रामायण की इन आठ चौपाइयों का नित्य पाठ करे--जय श्री राम🐦

#जय_श्रीराम 🚩🙏 🐦घर में कभी गरीबी नही आएगी रामायण की इन आठ चौपाइयों का नित्य पाठ करे--जय श्री राम🐦    जब तें रामु ब्याहि घर आए।         नित नव मंगल मोद बधाए॥🚩      भुवन चारिदस भूधर भारी।           सुकृत मेघ बरषहिं सुख बारी॥🚩     रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई।           उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई॥🚩      मनिगन पुर नर नारि सुजाती।           सुचि अमोल सुंदर सब भाँती॥🚩       कहि न जाइ कछु नगर बिभूती।               जनु एतनिअ बिरंचि करतूती॥🚩      सब बिधि सब पुर लोग सुखारी।                 रामचंद मुख चंदु निहारी॥🚩       मुदित मातु सब सखीं सहेली।            फलित बिलोकि मनोरथ बेली॥🚩     राम रूपु गुन सीलु सुभाऊ।            प्रमुदित होइ देखि सुनि राऊ॥🚩 भावार्थ:-जब से श्री रामचन्द्रजी विवाह करके घर आए, तब से (अयोध्या में) नित्य नए मंगल हो रहे हैं और आनंद के बधावे बज रहे हैं। चौदहों लोक रूपी बड़े भारी पर्वतों पर पुण्य रूपी मेघ सुख रूपी जल बरसा रहे हैं॥🚩 रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई।         उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई॥🚩 मनिगन पुर नर नारि सुजाती।        सुचि अमोल सुंदर सब भाँती॥🚩 भावार्थ:-ऋद्धि-सिद

मारक ग्रह (शत्रु ग्रह) के उपाय

🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻 *_मारक ग्रह (शत्रु ग्रह) के उपाय :-_* 🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻 *_उपाय के चार प्रकार होते हैं:-_* | *_1. जल प्रवाह करना_* *_2. दान करना_* *_3. रत्न धारण करना_* *_4. पाठ पूजन करना_* * _कुंडली का पूरी तरह विवेचन करने के बाद ही यह पता लगाया जा सकता है,कि किस ग्रह का दान करना है I किस का रत्न धारण करना है, और किस ग्रह का पाठ पूजन एवं जल प्रवाह करना है I_ * *_जिस ग्रह का रत्न धारण किया जाता है, उस ग्रह का दान कभी नहीं किया जाता है I रत्न धारण करने का मतलब ही यह है कि उस गृह की किरणों को शरीर में बढ़ाना है I दान करने से यह किरणे कम होती हैं I_* *_किसी भी ग्रह से जुड़ी हुई वस्तु का जल प्रवाह करने से उस ग्रह का प्रभाव कम हो जाता है।_* *_पाठ पूजन,सिमरन, हवन,आरती,व्रत करने से भी ग्रह प्रसन्न होता है और अपना दुष्प्रभाव कम करता है I_* *_अपने शुभ प्रभाव बढ़ाता है I_* * _दान करके मारक ग्रह (शत्रु ग्रह ) के प्रभाव को कम किया जा सकता है I_* *_सूर्य देव के उपाय:-_* 👇🏻 _(रविवार को करना है)_ _सूर्य देव को जल देना_ _तांबे का सिक्का जल प्रवाह करना_ _शक्कर चींटियों को डालना_ _ब्रह्म देव की उपा

भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के ये हैं कुछ अचूक उपाय!

यदि आपको धन, वैभव और यश की चाहत है तो रविवार के दिन प्रत्यक्ष देवता सूर्य की साधना करना न भूलें। इस दिन भगवान सूर्य की विधि-विधान से पूजा-आराधना और व्रत करने से तमाम तरह की बाधाएं दूर होती हैं और नौकरी कारोबार में सफलता मिलने लगती है। If you want wealth, glory and fame, then do not forget to do the worship of the visible deity Surya on Sunday. On this day all kinds of obstacles are removed by worshiping and fasting with the law of Lord Surya and success in job business starts. Get success in your Professional Life ..... Call/Chat our verified Astrologers and get best solutions …. Website Link- http://www.jaipurking.com/ रविवार सूर्य देव की पूजा का विशेष दिन है। अगर आपकी कुंडली में सूर्य का दोष है तो इस मंत्र के साथ पूजा जरुर मानी जाती है। पंडित सुनील शर्मा के अनुसार सूर्य देव बहुत ही जल्द प्रसन्न हो जाते है। जिससे सूर्य की कृपा व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है। साथ ही,नौकरी और भाग्य संबंधी परेशानियां भी सूर्य पूजा से दूर हो सकती हैं।   सूर्य को हिरण्यगर्भ भी कहा जाता है।

भगवान शिव के १०८ नाम जप की महिमा

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ॐ भोलेनाथ नमः ॐ कैलाश पति नमः ॐ भूतनाथ नमः ॐ नंदराज नमः ॐ नन्दी की सवारी नमः ॐ ज्योतिलिंग नमः ॐ महाकाल नमः ॐ रुद्रनाथ नमः ॐ भीमशंकर नमः ॐ नटराज नमः ॐ प्रलेयन्कार नमः ॐ चंद्रमोली नमः ॐ डमरूधारी नमः ॐ चंद्रधारी नमः ॐ मलिकार्जुन नमः ॐ भीमेश्वर नमः ॐ विषधारी नमः ॐ बम भोले नमः ॐ ओंकार स्वामी नमः ॐ ओंकारेश्वर नमः ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः ॐ विश्वनाथ नमः ॐ अनादिदेव नमः ॐ उमापति नमः ॐ गोरापति नमः ॐ गणपिता नमः ॐ भोले बाबा नमः ॐ शिवजी नमः ॐ शम्भु नमः ॐ नीलकंठ नमः ॐ महाकालेश्वर नमः ॐ त्रिपुरारी नमः ॐ त्रिलोकनाथ नमः ॐ त्रिनेत्रधारी नमः ॐ बर्फानी बाबा नमः ॐ जगतपिता नमः ॐ मृत्युन्जन नमः ॐ नागधारी नमः ॐ रामेश्वर नमः ॐ लंकेश्वर नमः ॐ अमरनाथ नमः ॐ केदारनाथ नमः ॐ मंगलेश्वर नमः ॐ अर्धनारीश्वर नमः ॐ नागार्जुन नमः ॐ जटाधारी नमः ॐ नीलेश्वर नमः ॐ गलसर्पमाला नमः ॐ दीनानाथ नमः ॐ सोमनाथ नमः ॐ जोगी नमः ॐ भंडारी बाबा नमः ॐ बमलेहरी नमः ॐ गोरीशंकर नमः ॐ शिवाकांत नमः ॐ महेश्वराए नमः ॐ महेश नमः ॐ ओलोकानाथ नमः ॐ आदिनाथ नमः ॐ देवदेवेश्वर नमः ॐ प्राणनाथ नमः ॐ शिवम् नमः ॐ महादानी नमः ॐ शिवदानी नमः ॐ संकटहारी नमः ॐ महेश्वर न

12 बातें जो हर हिन्दू को ध्यान रखनी चाहिए

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जय श्री राम जय श्री कृष्ण 🙏🙏 12 बातें जो हर हिन्दू को ध्यान रखनी चाहिए।       1. क्या भगवान राम या भगवान कृष्ण कभी इंग्लैंड के house of lord* के सदस्य रहे थे ? नहीं ना... तो फिर ये क्या ~Lord Rama, Lord Krishna~ लगा रखा है ? सीधे सीधे *भगवान राम, भगवान कृष्ण* कहिये - अंग्रेजी में भी. 2. किसी की मृत्यु होने पर ~RIP~ बिलकुल मत कहिये। यानी Rest In Peace जो दफ़नाने वालों के लिए कहा जाता है।  आप कहिये - *"ओम शांति"*, अथवा *"मोक्ष प्राप्ति हो"* ! आत्मा कभी एक स्थान पर _आराम या विश्राम नहीं करती ! आत्मा का पुनर्जन्म होता है अथवा उसे मोक्ष मिलता है !_ 3. अपने रामायण एवं महाभारत जैसे ग्रंथों को कभी भी ~mythological~ मत कहियेगा. *"mythological" शब्द बना है "myth" से और "myth" शब्द बना है हिंदी के "मिथ्या" शब्द से। ""मिथ्या" अर्थात 'झूठा' या 'जिसका कोई अस्तित्व ना हो'" और हमारे सभी देवी देवता, राम और कृष्ण *वास्तविक रूप में प्रकट हुए हैं ये हमारा "गौरवशाली वैदिक ग्रंथों में लिखा&q

श्री जगन्नाथ धाम

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हिन्दुओ के चार धामों में से एक जगन्नाथ मंदिर के दस चमत्कार...माना जाता है कि भगवान विष्णु जब चारों धामों पर बसे अपने धामों की यात्रा पर जाते हैं तो हिमालय की ऊंची चोटियों पर बने अपने धाम बद्रीनाथ में स्नान करते हैं,पश्चिम में गुजरात के द्वारिका में वस्त्र पहनते हैं,पुरी में भोजन करते हैं और दक्षिण में रामेश्‍वरम में विश्राम करते हैं...! द्वापर के बाद भगवान कृष्ण पुरी में निवास करने लगे और बन गए जग के नाथ अर्थात जगन्नाथ...पुरी का जगन्नाथ धाम चार धामों में से एक है यहां भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजते हैं...!   हिन्दुओं की प्राचीन और पवित्र सात नगरियों में पुरी उड़ीसा राज्य के समुद्री तट पर बसा है जगन्नाथ मंदिर विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है भारत के पूर्व में बंगाल की खाड़ी के पूर्वी छोर पर बसी पवित्र नगरी पुरी उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर से थोड़ी दूरी पर है आज का उड़ीसा प्राचीनकाल में उत्कल प्रदेश के नाम से जाना जाता था यहां देश की समृद्ध बंदरगाहें थीं,जहां जावा,सुमात्रा,इंडोनेशिया,थाईलैंड और अन्य कई देशों का इन्हीं बंदरगाह के रास्त