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Showing posts from January, 2021

श्री जगन्नाथ धाम

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हिन्दुओ के चार धामों में से एक जगन्नाथ मंदिर के दस चमत्कार...माना जाता है कि भगवान विष्णु जब चारों धामों पर बसे अपने धामों की यात्रा पर जाते हैं तो हिमालय की ऊंची चोटियों पर बने अपने धाम बद्रीनाथ में स्नान करते हैं,पश्चिम में गुजरात के द्वारिका में वस्त्र पहनते हैं,पुरी में भोजन करते हैं और दक्षिण में रामेश्‍वरम में विश्राम करते हैं...! द्वापर के बाद भगवान कृष्ण पुरी में निवास करने लगे और बन गए जग के नाथ अर्थात जगन्नाथ...पुरी का जगन्नाथ धाम चार धामों में से एक है यहां भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजते हैं...!   हिन्दुओं की प्राचीन और पवित्र सात नगरियों में पुरी उड़ीसा राज्य के समुद्री तट पर बसा है जगन्नाथ मंदिर विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है भारत के पूर्व में बंगाल की खाड़ी के पूर्वी छोर पर बसी पवित्र नगरी पुरी उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर से थोड़ी दूरी पर है आज का उड़ीसा प्राचीनकाल में उत्कल प्रदेश के नाम से जाना जाता था यहां देश की समृद्ध बंदरगाहें थीं,जहां जावा,सुमात्रा,इंडोनेशिया,थाईलैंड और अन्य कई देशों का इन्हीं बंदरगाह के रास्त

निष्काम कर्मयोग

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श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के 8वें अवतार और हिन्दू धर्म के ईश्वर माने जाते हैं। कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता हैं। कृष्ण निष्काम कर्मयोगी, एक आदर्श दार्शनिक, स्थितप्रज्ञ एवं दैवी संपदाओं से सुसज्ज महान पुरुष थे। श्रीमद्भागवत गीता में संसार की सभी जानकारियां मौजूद है। मनुष्य के मन में उत्पन्न होने वाले सभी प्रश्नों का उत्तर हमें श्रीमद्भगवद्गीता में देखने को मिलता है। महाभारत युद्ध शुरू होने से पहले भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को श्रीमद भगवत गीता का ज्ञान दिया था और अर्जुन को जीवन की सच्चाई और रहस्य के बारे में बताया था। श्री मद्भागवतकथा के बारे में अधिक जानने के लिए हमसे संपर्क करें दोस्तों भगवान श्री कृष्ण ने जीवन से जुड़ी बहुत सारी बातें अर्जुन को बताई थी, उन्हीं में से आज हम आप लोगों को एक बातें बताने जा रहे हैं, जिसे अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा था। दोस्तों अर्जुन भगवान श्री कृष्ण से कहते हैं कि हे प्रभु यदि मन को वश में रखा जाए तो मुक्ति का द्वार खुल जाता है? क्या मन को वश में रखने का कोई सरल मार्ग है? इ

श्री संकट नाशन गणेश स्तोत्र

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*श्री संकट नाशन गणेश स्तोत्र* शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ   नारद उवाच  प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम् । भक्तावासं स्मरेन्नित्यमायुः कामार्थसिद्धये ।।1।। प्रथमं वक्रतुडं च एकदन्तं द्वितीयकम् । तृतीयं कृष्णपिंगाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम् ।।2।। लम्बोदरं पंचमं च षष्ठ विकटमेव च । सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्णं तथाष्टमम् ।।3।। नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम् । एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम् ।।4।। द्वादशैतानि नामानि त्रिसन्ध्यं यः पठेन्नरः । न च विध्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं परम् ।।5।। विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् । पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मोक्षार्थी लभते गतिम् ।।6।। जपेग्दणपतिस्तोत्रं  षड् भिर्मासैः फ़लं लभेत् । संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशयः ।।7।। अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वा यः समर्पयेत् । तस्य विद्या भवेत् सर्वा गणेशस्य प्रसादतः ।।8।। || इति श्री नारदपुराणे संकटनाशनम गणेश स्तोत्रम सम्पूर्णम ||

वेद ज्ञान

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सनातन धर्म की जानकारी 1-अष्टाध्यायी पाणिनी 2-रामायण वाल्मीकि 3-महाभारत वेदव्यास 4-अर्थशास्त्र चाणक्य 5-महाभाष्य पतंजलि 6-सत्सहसारिका सूत्र नागार्जुन 7-बुद्धचरित अश्वघोष 8-सौंदरानन्द अश्वघोष 9-महाविभाषाशास्त्र वसुमित्र 10- स्वप्नवासवदत्ता भास 11-कामसूत्र वात्स्यायन 12-कुमारसंभवम् कालिदास 13-अभिज्ञानशकुंतलम् कालिदास   14-विक्रमोउर्वशियां कालिदास 15-मेघदूत कालिदास 16-रघुवंशम् कालिदास 17-मालविकाग्निमित्रम् कालिदास 18-नाट्यशास्त्र भरतमुनि 19-देवीचंद्रगुप्तम विशाखदत्त 20-मृच्छकटिकम् शूद्रक 21-सूर्य सिद्धान्त आर्यभट्ट 22-वृहतसिंता बरामिहिर 23-पंचतंत्र। विष्णु शर्मा 24-कथासरित्सागर सोमदेव 25-अभिधम्मकोश वसुबन्धु 26-मुद्राराक्षस विशाखदत्त 27-रावणवध। भटिट 28-किरातार