सोमवर व्रत महत्व, भगवान शिव और चंद्रमा ग्रह के लिए उपाय, प्रदोष व्रत महत्व
नारद पुराण के अनुसार सोमवार व्रत में व्यक्ति को प्रातः स्नान करके शिव जी को जल और बेल पत्र चढ़ाना चाहिए तथा शिव-गौरी की पूजा करनी चाहिए. शिव पूजन के बाद सोमवार व्रत कथा सुननी चाहिए. इसके बाद केवल एक समय ही भोजन करना चाहिए. साधारण रूप से सोमवार का व्रत दिन के तीसरे पहर तक होता है. मतलब शाम तक रखा जाता है. सोमवार व्रत तीन प्रकार का होता है प्रति सोमवार व्रत, सौम्य प्रदोष व्रत और सोलह सोमवार का व्रत. इन सभी व्रतों के लिए एक ही विधि होती है.
सोमवर व्रत, प्रदोष व्रत महत्व। भगवान शिव की पूजा कैसे करें। हमारे पेज और वेबसाइट पर शिव पूजा विधि के बारे में सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को जाने।सोमवार व्रत कथा और आरती के लिए इस लिंक पर क्लिक करे!!
Jai bholenath
ReplyDelete