जिज्ञासा जो हमारे संत समाज पर अगुली उठाते
जिज्ञासा। जो हमारे संत समाज पर अगुली उठाते Hai
(पुनः प्रेषित)
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प्रश्न---भारत में 72 लाख साधु हैं, क्या इनमें से कोई भी ऐसा चमत्कारी बाबा नहीं जो कोरोना को काबू में कर सके !
अपनी सिद्धि साबित करो या पाखंड़ बन्द करो !
*उत्तर*- पहले ये बताओ कि तुम महात्माओं के बताए हुए मार्ग पर चलते हो क्या ?
यदि ऐसा नहीं है तो उनको चैलेंज किस अधिकार से कर रहे हो ?
क्या हमारे ही साधु संतों ने सबका ठेका ले रखा है ?
पाप करते समय हमारे महात्माओं से पूछकर करते हो क्या ?
जब मनुष्य पाप कर्म करता है !
जब मनुष्य जिन्दे जानवरों को काटता है !
जब मनुष्य गायों को काटता है!
जब मनुष्य सूअर का मांस खाता है !
जब मनुष्य मुर्गी को हलाल करता है !
जब मनुष्य अनाप-शनाप शराब पीता है !
जब मनुष्य पेड़ पौधे को काटकर बेचता है !
जब मनुष्य ने पहाड़ काट दिए !
जब मनुष्य अपने ही पत्नी की हत्या करने लगा !
स्त्री अपने पति की हत्या करने लगी !
जब मनुष्य चारित्रहीन हो गया !
यह सब पाप कर्म मनुष्य करता है, अपने भोग के लिए लिप्सा की पूर्ति के लिए, और जब उस पर प्राकृतिक विपदा अर्थात् उस परम प्रकृति शक्ति महामाया देवी का क्रोध उत्पन्न होता है तो अब त्राहिमाम त्राहिमाम क्यों कर रह रहा है?
कष्ट को भोगना पड़ेगा !
क्यों पाप कर्म किए ?
क्यों गलत काम किए ?
क्यों जिंदा जानवरों को खा गए ?
क्यों शराब पीते हो ?
पापकर्म करते समय सोचते नहीं हो, और आज सोचने आए हो कि कोई बाबा आ जाए, तांत्रिक आ जाए और इस वायरस को रोक ले।
प्रकृति के साथ खिलवाड़ करोगे तो प्रकृति को रोकना मुश्किल है।
जब तूफान चलता है तो उसे कोई नहीं रोक सकता !
जब सुनामी आती है तो उसे कोई नहीं रोक सकता !
जब दावानल आता है तो उसे कोई नहीं रोक सकता !
अभी भी सरकार बचाव के उपाय बता रही है, लोगों को प्रेरित कर रही है पर लोगों की हरकतें आप सबके सामने हैं ! तुम्हारे अंदर जीव मात्र पर दया का भाव क्यों नहीं क्या केवल मनुष्य ही प्रकृति की संतान है ????
जी नहीं, प्रकृति के साथ साथ सम्पूर्ण जीव जगत की जननी प्रकृति ही है ! तुम प्रकृति का संतुलन बिगाडोगे तो प्रकृति खुद संतुलन बना लेगी !
साधु संतो का काम वायरस भगाना नहीं है, आत्मज्ञान के लिए प्रयासरत रहना है , और अभी सरकार भी वही कह रही है सुधर जाओ और प्रकृति का इशारा हमेशा के लिए मानो! एक सही जीवनशैली, सही आदर्श प्रस्तुत करना है !
ऐसे लोग केवल साधु और सिद्ध महात्मा को चैलेंज कर सकते हैं ! ये उन्हे क्यो नहीं चैलेंज करते जो बड़े बड़े सि.बं.पी.फ.मौ.फl. होने का दावा करते है !! इसलिए ऐसे लोगों को पहचान कर अपने सावधान रहो
हमारा धर्म महान है। हम गीता सन्देश पर चलते है जो हो रहा अच्छा हो रहा ,जो हुआ अच्छा हुआ और जो होगा बहुत अच्छा होगा।
सिर्फ भारत में ही भगवान ने अवतरण और मुक्ति ली हैं इसलिए चिंता न करे, ईश्वर हमसे नजदीक ही है बस कुछ दुष्टों को उनकी हकीकत दिखाने प्रकृति को आदेश दिया है।
हर पल उसका नाम जपते रहिए आपका कोई बाल भी बांका नहीं कर पाएगा।
धन्यवाद।
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