शुक्रवार: देवी लक्ष्मी का दिन
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते ।
अनन्त श्री परमहंस राम मंगल दास जी एक अद्वितीय ब्रह्मलीन संत थे जिनके सामने हर धर्म के पैगम्बर,सन्त,पौराणिक तथा महापुरुषों, भगवान, देवी-देवता, ऋषि-मुनि, ने प्रगट होकर आध्यात्मिक पद व उपदेश लिखवाये। देवीय आज्ञा से यह पुस्तक 1976 ई में लिखी। इसमें आज के समय के हर धर्म के भक्तों की कथाएं हैं जिनके समक्ष भगवान, देवी-देवताओं तथा गुरु नानक जी, द्राुकदेवजी, मसीह,मोहम्मद साहब से साक्षात्कार,भगवान गांधी जी को अपने लोक ले गए तथा बातों का वर्णन किया गया है।
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